मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए ग्राहकों को अभीं और इंतजार करना पड़ेगा। आपको बता दें कि ये वह सुविधा है जिसके जरिए ग्राहकों बिना नंबर बदले मोबाइल ऑपरेटर बदलने की छूट मिल जाएगी। 1 नवंबर से सरकार ने इस सर्विस को शुरू करने की बात कही थी, लेकिन अब ये मामला 25 नवंबर तक के लिए टल गया है।
दूरसंचार विभाग ने अब ये जानकारी दी है कि 25 नवंबर को सबसे पहले हरियाणा से इस खास सर्विस की शुरूआत की जाएगी। इसके बाद धीरे धीरे पूरे देश में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी लागू हो जाएगी।
इस सर्विस के शुरू हो जाने के बाद अगर कोई मोबाइल उपभोक्ता अपनी मोबाइल कंपनी बदलना चहता है तो उसे अपने फोन से 1900 पर एक एसएमएस भेजना होगा। जिसके बाद उस उपभोक्ता को वर्तमान सेवा प्रदाता कंपनी की ओर से एसएमएस के रूप में एक यूनिक पोर्टिंग कोड प्राप्त होगा। उसके बाद नए सेवा प्रदाता के पास अपना नम्बर स्थानांतरित करने के लिए उपभोक्ता को उस कोड के साथ एक आवेदन पत्र भरना होगा। दूरसंचार विभाग का कहना है कि आवेदन करने के चार दिनों के भीतर उपभोक्ता की मोबाइल कंपनी बदल जाएगी। अपनी मोबाइल कंपनी को बदलने के लिए ग्राहकों को शुल्क के तौर पर केवल 19 रुपए चुकाने होंगे।
Monday, November 1, 2010
Thursday, October 28, 2010
निवेश सोने मे : गोल्ड ईटीएफ के जरिए..
सोना 20,000 रुपये के स्तर के पार जाने की तैयारी कर रहा है। जाहिर है करीब दो साल पहले करीब 10000 -11000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर सोना खरीदने वालों को बिना ज्यादा मेहनत के ही शानदार रिटर्न मिल चुका है। अब इतने ऊंचे स्तर पर यदि आप एक साथ सोना खरीदने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं तो आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश का रास्ता अपना सकते हैं। हर महीने कुछ यूनिटें खरीदकर आप बिना ज्यादा रिस्क के शानदार निवेश कर सकते हैं।
सोना लगातार तेजी की ओर बढ़ रहा है और यह 20,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। जबकि दीपावली का त्यौहारी सीजन जब सोने की सबसे ज्यादा खरीद होती है अभी करीब एक महीना दूर है। इससे एक बात साफ हो जाती है कि अब सोने की खरीद केवल गहनों के लिए नहीं हो रही है। निवेश और अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए अब सोने की खरीद बढ़ रही है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-जून 2010 तिमाही के दौरान सोने की निवेश मांग 6.5 फीसदी बढ़ी, जबकि गहनों के लिए मांग में 2 फीसदी की बढ़ोतरी पिछले साल के मुकाबले रही। सोने में निवेश से मिलने वाला रिटर्न स्टॉक मार्केट को भी टक्कर दे रहा है और इसमें निवेश को ज्यादा सुरक्षित भी माना जाता है। यदि आप भी सोने में निवेश करना चाहते हैं और सोना खरीदने के लिए एक साथ बड़ी रकम नहीं है तो आपके लिए गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) शानदार विकल्प हो सकता है। गोल्ड ईटीएफ शेयरों की तरह की स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार करते हैं।
हर महीने करें निवेश
हालांकि गोल्ड ईटीएफ में निवेश लगातार बढ़ रहा है फिर भी बहुत सारे निवेशक अब भी ऐसे हैं, जो गोल्ड ईटीएफ के बारे में बेहद कम जानते हैं। वे सीधे सोने में निवेश के बारे में ही बात करते हैं। हकीकत में सोने में निवेश करने के लिए गोल्ड ईटीएफ बेहतर माध्यम हो सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में आप एसआईपी निवेश भी कर सकते हैं। हर महीने कुछ यूनिटें खरीदकर अपने पोर्टफोलियो में जोड़ते जाएं। ये यूनिटें आप किसी कंपनी के शेयरों की तरह ही बाजार से खरीद सकते हैं। बीते कुछ सालों के दौरान इन्होंने अच्छा रिटर्न दिया है। गोल्ड ईटीएफ की आधा और एक ग्राम की यूनिटें आमतौर पर उपलब्ध होती हैं और आप अपनी क्षमता के मुताबिक हर महीने यूनिटें खरीदकर अच्छा निवेश कर सकते हैं।
अच्छा रहा प्रदर्शन
गोल्ड बेंचमार्क ईटीएफ, कोटक गोल्ड ईटीएफ, रिलायंस गोल्ड, रैलीगेयर गोल्ड ईटीएफ, क्वांटम गोल्ड, एसबीआई गोल्ड ईटीएफ और यूटीआई गोल्ड ईटीएफ ने बीते एक साल के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है। गोल्ड बेंचमार्क और यूटीआई के ईटीएफ 3 साल पुराने हैं। इन दोनों ने 3 साल की अवधि में औसत 20 फीसदी से ज्यादा का मुनाफा पहुंचाया है। अब ये निवेशक खुद तय कर सकते हैं कि उनको यहां निवेश करने से कितना फायदा होगा।
सोना लगातार तेजी की ओर बढ़ रहा है और यह 20,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर पर पहुंच गया है। जबकि दीपावली का त्यौहारी सीजन जब सोने की सबसे ज्यादा खरीद होती है अभी करीब एक महीना दूर है। इससे एक बात साफ हो जाती है कि अब सोने की खरीद केवल गहनों के लिए नहीं हो रही है। निवेश और अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए अब सोने की खरीद बढ़ रही है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल-जून 2010 तिमाही के दौरान सोने की निवेश मांग 6.5 फीसदी बढ़ी, जबकि गहनों के लिए मांग में 2 फीसदी की बढ़ोतरी पिछले साल के मुकाबले रही। सोने में निवेश से मिलने वाला रिटर्न स्टॉक मार्केट को भी टक्कर दे रहा है और इसमें निवेश को ज्यादा सुरक्षित भी माना जाता है। यदि आप भी सोने में निवेश करना चाहते हैं और सोना खरीदने के लिए एक साथ बड़ी रकम नहीं है तो आपके लिए गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) शानदार विकल्प हो सकता है। गोल्ड ईटीएफ शेयरों की तरह की स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार करते हैं।
हर महीने करें निवेश
हालांकि गोल्ड ईटीएफ में निवेश लगातार बढ़ रहा है फिर भी बहुत सारे निवेशक अब भी ऐसे हैं, जो गोल्ड ईटीएफ के बारे में बेहद कम जानते हैं। वे सीधे सोने में निवेश के बारे में ही बात करते हैं। हकीकत में सोने में निवेश करने के लिए गोल्ड ईटीएफ बेहतर माध्यम हो सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में आप एसआईपी निवेश भी कर सकते हैं। हर महीने कुछ यूनिटें खरीदकर अपने पोर्टफोलियो में जोड़ते जाएं। ये यूनिटें आप किसी कंपनी के शेयरों की तरह ही बाजार से खरीद सकते हैं। बीते कुछ सालों के दौरान इन्होंने अच्छा रिटर्न दिया है। गोल्ड ईटीएफ की आधा और एक ग्राम की यूनिटें आमतौर पर उपलब्ध होती हैं और आप अपनी क्षमता के मुताबिक हर महीने यूनिटें खरीदकर अच्छा निवेश कर सकते हैं।
अच्छा रहा प्रदर्शन
गोल्ड बेंचमार्क ईटीएफ, कोटक गोल्ड ईटीएफ, रिलायंस गोल्ड, रैलीगेयर गोल्ड ईटीएफ, क्वांटम गोल्ड, एसबीआई गोल्ड ईटीएफ और यूटीआई गोल्ड ईटीएफ ने बीते एक साल के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है। गोल्ड बेंचमार्क और यूटीआई के ईटीएफ 3 साल पुराने हैं। इन दोनों ने 3 साल की अवधि में औसत 20 फीसदी से ज्यादा का मुनाफा पहुंचाया है। अब ये निवेशक खुद तय कर सकते हैं कि उनको यहां निवेश करने से कितना फायदा होगा।
Tuesday, October 26, 2010
ऑक्टोपस पॉल उर्फ़ पॉल बाबा : विश्व फुटबॉल कप का भविष्यवक्ता नहीं रहा
दक्षिण अफ्रीका में हुए फुटबॉल विश्व कप के दौरान अपनी सटीक भविष्यवाणी के चलते रातों रात सुर्खियों में आए ऑक्टोपस पॉल उर्फ़ पॉल बाबा की आकस्मिक मौत हो गई है।
जर्मनी के जिस एक्वैरियम में ऑक्टोपस पॉल को रखा गया था वहां के प्रबंधन ने मंगलवार को ऑक्टोपस पॉल की मृत्यु की पुष्टि भी कर दी है। एक्वेरियम के मैनेजर स्टीफन पॉरवॉल ने कहा, ‘पॉल की सफलता ने उसे विश्व कप से अधिक लोकप्रियता दिलाई। उसकी मौत स्वाभाविक कारणों से रात में हो गई। हमें इस बात से बेहद संतोष है कि उसने यहां बेहतर जीवन बिताया।’
मैनेजर ने कहा, ‘हम पॉल को अपनी ही जमीन में दफनाने पर विचार कर रहे हैं, जहां एक आधुनिक स्मारक बनाया जाएगा।’
जिस एक्वेरियम (ओबरहाउसेन सी लाइफ सेंटर) में पॉल रहता था, वहां का प्रबंधन और कर्मचारी ऑक्टोपस पॉल के निधन से बेहद दुखी हैं। आमतौर पर एक सामान्य ऑक्टोपस कुछ वर्षों ही जिंदा रहता है ऐसे में पॉल की मौत से किसी को हैरानी नहीं हुई है।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में हुए फुटबॉल वर्ल्ड कप में जर्मनी के सभी आठ मैचों के बारे में ऑक्टोपस की भविष्यवाणियां सही निकलीं थीं। बहरहाल पॉल के मृत शरीर को फिलहाल कोल्ड स्टोर में रखा गया है।
कौन है ऑक्टोपस पॉल
पॉल नामक इस ऑक्टोपस ने फुटबॉल विश्व कप छह मैचों में सही भविष्यवाणी की थी। अर्जेंटीना और जर्मनी की हार अहम भविष्यवाणी थी। पॉल नाम का यह ऑक्टोपस जर्मनी के सीलाइफ एक्वेरियम में था ।
पाल भले ही मर गया हो, पर वो लोगो को हमेशा याद रहेगा ।
जर्मनी के जिस एक्वैरियम में ऑक्टोपस पॉल को रखा गया था वहां के प्रबंधन ने मंगलवार को ऑक्टोपस पॉल की मृत्यु की पुष्टि भी कर दी है। एक्वेरियम के मैनेजर स्टीफन पॉरवॉल ने कहा, ‘पॉल की सफलता ने उसे विश्व कप से अधिक लोकप्रियता दिलाई। उसकी मौत स्वाभाविक कारणों से रात में हो गई। हमें इस बात से बेहद संतोष है कि उसने यहां बेहतर जीवन बिताया।’
मैनेजर ने कहा, ‘हम पॉल को अपनी ही जमीन में दफनाने पर विचार कर रहे हैं, जहां एक आधुनिक स्मारक बनाया जाएगा।’
जिस एक्वेरियम (ओबरहाउसेन सी लाइफ सेंटर) में पॉल रहता था, वहां का प्रबंधन और कर्मचारी ऑक्टोपस पॉल के निधन से बेहद दुखी हैं। आमतौर पर एक सामान्य ऑक्टोपस कुछ वर्षों ही जिंदा रहता है ऐसे में पॉल की मौत से किसी को हैरानी नहीं हुई है।
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में हुए फुटबॉल वर्ल्ड कप में जर्मनी के सभी आठ मैचों के बारे में ऑक्टोपस की भविष्यवाणियां सही निकलीं थीं। बहरहाल पॉल के मृत शरीर को फिलहाल कोल्ड स्टोर में रखा गया है।
कौन है ऑक्टोपस पॉल
पॉल नामक इस ऑक्टोपस ने फुटबॉल विश्व कप छह मैचों में सही भविष्यवाणी की थी। अर्जेंटीना और जर्मनी की हार अहम भविष्यवाणी थी। पॉल नाम का यह ऑक्टोपस जर्मनी के सीलाइफ एक्वेरियम में था ।
पाल भले ही मर गया हो, पर वो लोगो को हमेशा याद रहेगा ।
Monday, October 25, 2010
Some online sites mobile recharge.....
Mobile has become an integral part our lives today, the Internet has become | Mobile from time to time so it has to recharge the like, the way people usually have to recharge directly from coupon shopper | when set to the Internet Let it also be online, why not? And it will be even more convenient in many ways.
Just use your credit /debit card. GO to website and chose your service provider and fill the amount ( you want to recharge).
Let's talk here that which site which provides this feature, although mobile company also give this on their official website.
I like most freecharge.in, because of its unique feature.
Their offering is unique as the amount paid by the user for recharge is returned in form of shopping coupons of some of the top retailers in India, thereby making the recharge virtually free.
If a user recharges his prepaid connection for Rs. 100 by paying for it online on freecharge.in, he will also receive discount coupons worth Rs. 100 that he can avail at any of the listed retailers.The site, Freecharge.in, is launched with attractively valued coupons of McDonald’s, Barista, Croma, PVR etc.
Their is FAQ Link at the bottom of the page, where you get answers all your queries.
I have also recharged my mobile from this site.
Hopefully it will help you.
Just use your credit /debit card. GO to website and chose your service provider and fill the amount ( you want to recharge).
Let's talk here that which site which provides this feature, although mobile company also give this on their official website.
- http://freecharge.in/
- http://www.onestoprecharge.com/
- http://www.rechargeitnow.com/
- http://www.fastrecharge.com/
- http://www.apnabill.com/
I like most freecharge.in, because of its unique feature.
Their offering is unique as the amount paid by the user for recharge is returned in form of shopping coupons of some of the top retailers in India, thereby making the recharge virtually free.
If a user recharges his prepaid connection for Rs. 100 by paying for it online on freecharge.in, he will also receive discount coupons worth Rs. 100 that he can avail at any of the listed retailers.The site, Freecharge.in, is launched with attractively valued coupons of McDonald’s, Barista, Croma, PVR etc.
Their is FAQ Link at the bottom of the page, where you get answers all your queries.
I have also recharged my mobile from this site.
Hopefully it will help you.
Friday, October 22, 2010
Websites to find out test results
Just like almost every school / Board / University has its own website on which they issue their exam results at some sites is that you many school/Board/University of the test results provide a single place.
Some of them are below:
Hopefully it will help you.
Some of them are below:
Hopefully it will help you.
A Very Interesting Conversation...
A Very Interesting Conversation...
An Atheist Professor of Philosophy was speaking to his Class on the Problem Science has
with GOD, the ALMIGHTY. He asked one of his Students to stand and . . .
Professor : So, you Believe in GOD ?
Student : Absolutely, sir.
Professor : Is GOD Good ?
Student : Sure.
Professor : Is GOD ALL - POWERFUL ?
Student : Yes.
Professor : My Brother died of Cancer even though he Prayed to GOD to Heal him.
Most of us would attempt to help others who are ill.
But GOD didn't. How is this GOD good then? Hmm?
(Student was silent )
Professor : You can't answer, can you ? Let's start again, Young Fella.
Is GOD Good?
Student : Yes.
Professor : Is Satan good ?
Student : No.
Professor : Where does Satan come from ?
Student : From . . . GOD . . .
Professor : That's right. Tell me son, is there evil in this World?
Student : Yes.
Professor : Evil is everywhere, isn't it ? And GOD did make everything. Correct?
Student : Yes.
Professor : So who created evil ?
(Student did not answer)
Professor : Is there Sickness? Immorality? Hatred? Ugliness?
All these terrible things exist in the World, don't they?
Student : Yes, sir.
Professor : So, who Created them ?
(Student had no answer)
Professor : Science says you have 5 Senses you use to Identify and Observe the World around you.
Tell me, son . . . Have you ever Seen GOD?
Student : No, sir.
Professor : Tell us if you have ever Heard your GOD?
Student : No , sir.
Professor : Have you ever Felt your GOD, Tasted your GOD, Smelt your GOD?
Have you ever had any Sensory Perception of GOD for that matter?
Student : No, sir. I'm afraid I haven't.
Professor : Yet you still Believe in HIM?
Student : Yes.
Professor : According to Empirical, Testable, Demonstrable Protocol,
Science says your GOD doesn't exist. What do you say to that, son?
Student : Nothing. I only have my Faith.
Professor : Yes, Faith. And that is the Problem Science has.
Student : Professor, is there such a thing as Heat?
Professor : Yes.
Student : And is there such a thing as Cold?
Professor : Yes.
Student : No, sir. There isn't.
(The Lecture Theatre became very quiet with this turn of events )
Student : Sir, you can have Lots of Heat, even More Heat, Superheat, Mega Heat, White Heat,
a Little Heat or No Heat.
But we don't have anything called Cold.
We can hit 458 Degrees below Zero which is No Heat, but we can't go any further after that.
There is no such thing as Cold.
Cold is only a Word we use to describe the Absence of Heat.
We cannot Measure Cold.
Heat is Energy.
Cold is Not the Opposite of Heat, sir, just the Absence of it.
(There was Pin-Drop Silence in the Lecture Theatre )
Student : What about Darkness, Professor? Is there such a thing as Darkness?
Professor : Yes. What is Night if there isn't Darkness?
Student : You're wrong again, sir.
Darkness is the Absence of Something
You can have Low Light, Normal Light, Bright Light, Flashing Light . . .
But if you have No Light constantly, you have nothing and it's called Darkness, isn't it?
In reality, Darkness isn't.
If it is, were you would be able to make Darkness Darker, wouldn't you?
Professor : So what is the point you are making, Young Man ?
Student : Sir, my point is your Philosophical Premise is flawed.
Professor : Flawed ? Can you explain how?
Student : Sir, you are working on the Premise of Duality.
You argue there is Life and then there is Death, a Good GOD and a Bad GOD.
You are viewing the Concept of GOD as something finite, something we can measure.
Sir, Science can't even explain a Thought.
It uses Electricity and Magnetism, but has never seen, much less fully understood either one.
To view Death as the Opposite of Life is to be ignorant of the fact that
Death cannot exist as a Substantive Thing.
Death is Not the Opposite of Life: just the Absence of it.
Now tell me, Professor, do you teach your Students that they evolved from a Monkey?
Professor : If you are referring to the Natural Evolutionary Process, yes, of course, I do.
Student : Have you ever observed Evolution with your own eyes, sir?
(The Professor shook his head with a Smile, beginning to realize where the Argument was going )
Student : Since no one has ever observed the Process of Evolution at work and
Cannot even prove that this Process is an On-Going Endeavour,
Are you not teaching your Opinion, sir?
Are you not a Scientist but a Preacher?
(The Class was in Uproar )
Student : Is there anyone in the Class who has ever seen the Professor's Brain?
(The Class broke out into Laughter )
Student : Is there anyone here who has ever heard the Professor's Brain, Felt it, touched or Smelt it? . . .
No one appears to have done so.
So, according to the Established Rules of Empirical, Stable, Demonstrable Protocol,
Science says that You have No Brain, sir.
With all due respect, sir, how do we then Trust your Lectures, sir?
(The Room was Silent. The Professor stared at the Student, his face unfathomable)
Professor : I guess you'll have to take them on Faith, son.
Student : That is it sir . . . Exactly !
The Link between Man & GOD is FAITH.
That is all that Keeps Things Alive and Moving.
That student was Albert Einstein!
An Atheist Professor of Philosophy was speaking to his Class on the Problem Science has
with GOD, the ALMIGHTY. He asked one of his Students to stand and . . .
Professor : So, you Believe in GOD ?
Student : Absolutely, sir.
Professor : Is GOD Good ?
Student : Sure.
Professor : Is GOD ALL - POWERFUL ?
Student : Yes.
Professor : My Brother died of Cancer even though he Prayed to GOD to Heal him.
Most of us would attempt to help others who are ill.
But GOD didn't. How is this GOD good then? Hmm?
(Student was silent )
Professor : You can't answer, can you ? Let's start again, Young Fella.
Is GOD Good?
Student : Yes.
Professor : Is Satan good ?
Student : No.
Professor : Where does Satan come from ?
Student : From . . . GOD . . .
Professor : That's right. Tell me son, is there evil in this World?
Student : Yes.
Professor : Evil is everywhere, isn't it ? And GOD did make everything. Correct?
Student : Yes.
Professor : So who created evil ?
(Student did not answer)
Professor : Is there Sickness? Immorality? Hatred? Ugliness?
All these terrible things exist in the World, don't they?
Student : Yes, sir.
Professor : So, who Created them ?
(Student had no answer)
Professor : Science says you have 5 Senses you use to Identify and Observe the World around you.
Tell me, son . . . Have you ever Seen GOD?
Student : No, sir.
Professor : Tell us if you have ever Heard your GOD?
Student : No , sir.
Professor : Have you ever Felt your GOD, Tasted your GOD, Smelt your GOD?
Have you ever had any Sensory Perception of GOD for that matter?
Student : No, sir. I'm afraid I haven't.
Professor : Yet you still Believe in HIM?
Student : Yes.
Professor : According to Empirical, Testable, Demonstrable Protocol,
Science says your GOD doesn't exist. What do you say to that, son?
Student : Nothing. I only have my Faith.
Professor : Yes, Faith. And that is the Problem Science has.
Student : Professor, is there such a thing as Heat?
Professor : Yes.
Student : And is there such a thing as Cold?
Professor : Yes.
Student : No, sir. There isn't.
(The Lecture Theatre became very quiet with this turn of events )
Student : Sir, you can have Lots of Heat, even More Heat, Superheat, Mega Heat, White Heat,
a Little Heat or No Heat.
But we don't have anything called Cold.
We can hit 458 Degrees below Zero which is No Heat, but we can't go any further after that.
There is no such thing as Cold.
Cold is only a Word we use to describe the Absence of Heat.
We cannot Measure Cold.
Heat is Energy.
Cold is Not the Opposite of Heat, sir, just the Absence of it.
(There was Pin-Drop Silence in the Lecture Theatre )
Student : What about Darkness, Professor? Is there such a thing as Darkness?
Professor : Yes. What is Night if there isn't Darkness?
Student : You're wrong again, sir.
Darkness is the Absence of Something
You can have Low Light, Normal Light, Bright Light, Flashing Light . . .
But if you have No Light constantly, you have nothing and it's called Darkness, isn't it?
In reality, Darkness isn't.
If it is, were you would be able to make Darkness Darker, wouldn't you?
Professor : So what is the point you are making, Young Man ?
Student : Sir, my point is your Philosophical Premise is flawed.
Professor : Flawed ? Can you explain how?
Student : Sir, you are working on the Premise of Duality.
You argue there is Life and then there is Death, a Good GOD and a Bad GOD.
You are viewing the Concept of GOD as something finite, something we can measure.
Sir, Science can't even explain a Thought.
It uses Electricity and Magnetism, but has never seen, much less fully understood either one.
To view Death as the Opposite of Life is to be ignorant of the fact that
Death cannot exist as a Substantive Thing.
Death is Not the Opposite of Life: just the Absence of it.
Now tell me, Professor, do you teach your Students that they evolved from a Monkey?
Professor : If you are referring to the Natural Evolutionary Process, yes, of course, I do.
Student : Have you ever observed Evolution with your own eyes, sir?
(The Professor shook his head with a Smile, beginning to realize where the Argument was going )
Student : Since no one has ever observed the Process of Evolution at work and
Cannot even prove that this Process is an On-Going Endeavour,
Are you not teaching your Opinion, sir?
Are you not a Scientist but a Preacher?
(The Class was in Uproar )
Student : Is there anyone in the Class who has ever seen the Professor's Brain?
(The Class broke out into Laughter )
Student : Is there anyone here who has ever heard the Professor's Brain, Felt it, touched or Smelt it? . . .
No one appears to have done so.
So, according to the Established Rules of Empirical, Stable, Demonstrable Protocol,
Science says that You have No Brain, sir.
With all due respect, sir, how do we then Trust your Lectures, sir?
(The Room was Silent. The Professor stared at the Student, his face unfathomable)
Professor : I guess you'll have to take them on Faith, son.
Student : That is it sir . . . Exactly !
The Link between Man & GOD is FAITH.
That is all that Keeps Things Alive and Moving.
That student was Albert Einstein!
Wednesday, October 20, 2010
प्राइस अर्निंग रेश्यो क्या है?
मूल्य अनुपात यानी प्राइस अर्निंग ( पीई ) अनुपात। यह दरअसल किसी भी शेयर का वैल्यूएशन जानने के लिए सबसे प्राथमिक स्तर का मानक है। दूसरे शब्दों में इसे इस तरह समझा जा सकता है कि यह अनुपात बताता है कि निवेशक किसी शेयर के लिए उसकी सालाना आय का कितना गुना खर्च करने के लिए तैयार हैं। सीधे शब्दों में किसी शेयर का पीई अनुपात दरअसल वर्षों की संख्या है , जिनमें शेयर का मूल्य लागत का दोगुना हो जाता है।
जैसे अगर किसी शेयर का मूल्य किसी खास समय में 100 रुपए है और उसकी आय प्रति शेयर 5 रुपए है , तो इसका मतलब यह है कि उसका पीई अनुपात 20 होगा। यानी अगर सारी परिस्थितियां समान हों तो 100 रुपए के शेयर का दाम 20 साल में दोगुना हो जाएगा। यानी उस शेयर का पीई अनुपात उस खास समय में 20 है।
किसी कंपनी के वैल्यूएशन में पीई का क्या महत्व है ?
पीई हमें केवल यह बताता है कि बाजार किसी शेयर पर कितना बुलिश या सकारात्मक है। पीई से अपने आप में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। किसी भी नतीजे पर पहुंचने के लिए कुछ दूसरे पीई अनुपातों से इसकी तुलना जरूरी होती है। पहला , तो खुद उस कंपनी का पिछले 5-7 साल का ऐतिहासिक पीई। दूसरा , उसी के क्षेत्र में काम करने वाली दूसरी कंपनियों के पीई अनुपात और तीसरा , बेंचमार्क सूचकांक जैसे सेंसेक्स का पीई अनुपात।
किसी कंपनी का पीई बहुत ज्यादा होने से दो निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं। पहला , कंपनी को उसके सही मूल्य से बहुत ज्यादा भाव मिल रहा है और इसलिए शेयर महंगा है। दूसरा , बाजार को यह पता है कि आने वाले दिनों में इस कंपनी की वृद्घि दर काफी अधिक रहने वाली है और इसलिए उसके लिए ऊंचे भाव पर भी बोली लगाई जा रही है।
ट्रेलिंग पीई और अनुमानित पीई क्या हैं ?
ट्रेलिंग पीई किसी शेयर की कीमत और पिछले 12 महीनों की उसकी आय के अनुपात को कहते हैं। इसी तरह अनुमानित पीई अगले 12 महीने की अनुमानित आय प्रति शेयर के आधार पर निकाला जाता है।
Friday, October 8, 2010
Thursday, September 30, 2010
Add Your Blog To Google Search
If you have started new blog then all the best. But your blog will be get high popular when it will come in biggest internet search engine www.google.com . If your blog is not coming in Google search then you should do some special thing for bring your blog in Google search engine in one day.
Here is best tips for bring your blogspot blog in Google search engine in one day.
Go to setting of your Blogspot blog.
Look for “Let search engines find your blog?”
Choose option “Yes”.
Then click on “save setting” button.
If you select “Yes” Blogspot will include your blog in Google Blog Search and ping Weblogs.com. If you select “No”, everyone can still view your blog but search engines will be instructed not to crawl it. By this process your blog will be listed in all search engine (Google.com, Yahoosearch.com, Ask.com and many other) in one day.
Source : www.solidindian.com
Friday, August 6, 2010
Kashmir | Leh | What is cloudburst? | कश्मीर | लेह | कैसे फटते हैं बादल?
उत्तर की ओर बढ़ रहे 'प्रेगनेंट क्लाउड' यानी पानी से भरे हुए बादल जम्मू-कश्मीर स्थित लेह में शुक्रवार की सुबह तबाही लेकर आए। सुबह यहां बादल फट पड़े और देखते ही देखते भयंकर बारिश होने लगी। बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें 80 से ज्यादा जानें चली गईं। लेकिन क्या आपको पता है बादल कब और क्यों फटते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं-
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बादल भारी मात्रा में नमी यानी पानी लेकर आसमान में चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है, तब वो अचानक फट पड़ते हैं। यानी तेजी से संघनन होता है। ऐसे में कई लाख गैलन पानी एक साथ पृथवी पर गिरता है, वो भी एक सीमित इलाके में। इससे तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है।
पानी के आगे आने वाली हर चीज क्षतिग्रस्त हो जाती है। भारत के संदर्भ में देखें तो हर साल मॉनसून के समय नमी को लिए हुए बादल उत्तर की ओर बढ़ते हैं, लिहाजा हिमालय पर्वत एक बड़े अवरोधक के रूप में सामने पड़ता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा जरूरी नहीं है कि बादल के सामने कोई ठोस वस्तु आएगी तभी वो फटेंगे। बादल फटने का दूसरा कारण गर्म हवा के झोंके से टकराना भी है।
गर्म हवा से टकराने से भी फटते हैं बादल
जब गर्म हवा का झोंका ऐसे बादल से टकराता है तब भी उसके फटने की आशंका बढ़ जाती है। उदाहरण के तौर पर 26 जुलाई 2005 को मुंबई में बादल फटे थे, तब वहां बादल किसी ठोस वस्तु से नहीं बल्कि गर्म हवा से टकराए थे। बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्वी से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है। इसके कारण होने वाली बारिश करीब 100 मिलीमीटर प्रति घंटा होती है। कुछ ही मिनट में 2 सेंटी मीटर से ज्यादा बारिश हो जाती है। जिस कारण भारी तबाही होती है।
भारत में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से प्रेगनेंट मॉनसून बादल उत्तर की ओर बढ़ते हैं, तब हिमालय के क्षेत्र में उनके फटने का खतरा ज्यादा रहता है। इसी तरह 2009 में कराची में बादल फटने के कारण भारी तबाही हुई थी। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बादल भारी मात्रा में नमी यानी पानी लेकर आसमान में चलते हैं और उनकी राह में कोई बाधा आ जाती है, तब वो अचानक फट पड़ते हैं। यानी तेजी से संघनन होता है। ऐसे में कई लाख गैलन पानी एक साथ पृथवी पर गिरता है, वो भी एक सीमित इलाके में। इससे तेज बहाव वाली बाढ़ आ जाती है।
पानी के आगे आने वाली हर चीज क्षतिग्रस्त हो जाती है। भारत के संदर्भ में देखें तो हर साल मॉनसून के समय नमी को लिए हुए बादल उत्तर की ओर बढ़ते हैं, लिहाजा हिमालय पर्वत एक बड़े अवरोधक के रूप में सामने पड़ता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा जरूरी नहीं है कि बादल के सामने कोई ठोस वस्तु आएगी तभी वो फटेंगे। बादल फटने का दूसरा कारण गर्म हवा के झोंके से टकराना भी है।
गर्म हवा से टकराने से भी फटते हैं बादल
जब गर्म हवा का झोंका ऐसे बादल से टकराता है तब भी उसके फटने की आशंका बढ़ जाती है। उदाहरण के तौर पर 26 जुलाई 2005 को मुंबई में बादल फटे थे, तब वहां बादल किसी ठोस वस्तु से नहीं बल्कि गर्म हवा से टकराए थे। बादल फटने की घटना अमूमन पृथ्वी से 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर होती है। इसके कारण होने वाली बारिश करीब 100 मिलीमीटर प्रति घंटा होती है। कुछ ही मिनट में 2 सेंटी मीटर से ज्यादा बारिश हो जाती है। जिस कारण भारी तबाही होती है।
भारत में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से प्रेगनेंट मॉनसून बादल उत्तर की ओर बढ़ते हैं, तब हिमालय के क्षेत्र में उनके फटने का खतरा ज्यादा रहता है। इसी तरह 2009 में कराची में बादल फटने के कारण भारी तबाही हुई थी। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं।
Source: oneindia.in
Subscribe to:
Posts (Atom)